बजट 2025: किराए पर TDS की वार्षिक सीमा ₹2.40 लाख से बढ़ाकर ₹6 लाख की जाएगी

केंद्र सरकार ने बजट 2025 में करदाताओं को बड़ी राहत देते हुए किराए पर टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (TDS) की वार्षिक सीमा को ₹2.40 लाख से बढ़ाकर ₹6 लाख करने का प्रस्ताव रखा है। यह बदलाव मकान मालिकों और किरायेदारों दोनों के लिए महत्वपूर्ण होगा, जिससे टीडीएस कटौती की सीमा में राहत मिलेगी और किराए पर रहने वाले लोगों को कम कर बोझ का सामना करना पड़ेगा।

TDS की सीमा बढ़ाने का क्या मतलब है?

वर्तमान में, यदि कोई व्यक्ति या संगठन ₹2.40 लाख से अधिक वार्षिक किराया देता है, तो 10% की दर से TDS (Tax Deducted at Source) कटौती करनी होती है। अब इस सीमा को ₹6 लाख तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है, जिसका अर्थ है कि जब तक किराया ₹6 लाख सालाना (₹50,000 प्रति माह) तक नहीं पहुंचता, तब तक TDS नहीं काटा जाएगा।

TDS सीमा बढ़ाने से क्या फायदे होंगे?

मकान मालिकों के लिए लाभ

✅ पहले जिन मकान मालिकों का वार्षिक किराया ₹2.40 लाख से ऊपर था, उन्हें TDS कटौती का सामना करना पड़ता था।
✅ अब ₹6 लाख तक के वार्षिक किराए पर कोई TDS नहीं कटेगा, जिससे मकान मालिकों को अधिक किराया मिलेगा।
✅ किराए पर निर्भर लोगों की कैश फ्लो (नकदी प्रवाह) बेहतर होगी

किरायेदारों के लिए राहत

✅ यदि किरायेदार ₹6 लाख (₹50,000 प्रति माह) से कम किराया देता है, तो अब उसे TDS की चिंता नहीं होगी।
✅ इससे किरायेदारों की टैक्स फाइलिंग प्रक्रिया आसान होगी।
✅ छोटे व्यापारियों और प्रोफेशनल्स को फायदा होगा जो किराए पर व्यावसायिक स्थान लेते हैं।

छोटे और मध्यम वर्गीय किरायेदारों को राहत

✅ जिन लोगों का मासिक किराया ₹50,000 तक है, उन्हें अब कोई अतिरिक्त कर बोझ नहीं उठाना होगा
✅ किराए पर रहने वाले छात्रों, कामकाजी पेशेवरों और छोटे व्यवसायियों को कर में राहत मिलेगी।

TDS सीमा परिवर्तन से पहले और बाद में क्या बदलाव होंगे?

विवरणपहले (बजट 2024)अब (बजट 2025)
TDS की वार्षिक सीमा₹2.40 लाख₹6 लाख
मासिक किराए की सीमा₹20,000₹50,000
TDS दर10%10%
TDS कब लागू होगा?₹2.40 लाख से अधिक किराए पर₹6 लाख से अधिक किराए पर

TDS कैसे कटता है और इसे कैसे बचाया जा सकता है?

🔹 यदि कोई व्यक्ति ₹6 लाख सालाना से अधिक किराया देता है, तो उसे 10% की दर से TDS काटकर मकान मालिक के पैन कार्ड पर जमा करना होगा।
🔹 मकान मालिक फॉर्म 15G / 15H भरकर TDS में छूट का दावा कर सकते हैं, यदि उनकी आय टैक्सेबल लिमिट से कम है।
🔹 यदि मकान मालिक HUF (हिंदू अविभाजित परिवार) या कंपनी नहीं है, तो TDS लागू नहीं होता

TDS सीमा बढ़ाने से किन लोगों को सबसे अधिक फायदा होगा

  • छोटे मकान मालिक: जो अपनी संपत्ति को किराए पर देकर आय अर्जित करते हैं।
  • छोटे व्यवसायी और स्टार्टअप: जो कम लागत में ऑफिस किराए पर लेना चाहते हैं।
  • छात्र और नौकरीपेशा लोग: जिनका मासिक किराया ₹50,000 से कम है।
  • को-वर्किंग स्पेस और छोटे शॉप ओनर्स: जो व्यावसायिक किराए पर टैक्स बचाना चाहते हैं।

Conclusion

बजट 2025 में किराए पर टीडीएस की वार्षिक सीमा ₹2.40 लाख से बढ़ाकर ₹6 लाख करने का फैसला करदाताओं के लिए एक बड़ी राहत है। इससे छोटे मकान मालिक, किरायेदार, स्टार्टअप्स और छोटे व्यवसायियों को सबसे ज्यादा फायदा होगा।

अब तक ₹2.40 लाख से अधिक किराए पर TDS काटा जाता था, लेकिन नई सीमा के बाद ₹6 लाख तक कोई TDS नहीं देना होगा। इससे रेंटल हाउसिंग और कमर्शियल प्रॉपर्टी सेक्टर को मजबूती मिलेगी और लोग बिना किसी कर कटौती के आसानी से किराए पर रह सकेंगे।

क्या यह बदलाव आपके लिए फायदेमंद है? हमें कमेंट में बताएं!

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