Smart Road Project: रांची शहर में ट्रैफिक की समस्या को खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दो नई स्मार्ट सड़कों के निर्माण को मंजूरी दे दी है। दोनों परियोजनाओं की कुल लागत 638 करोड़ रुपये आंकी गई है। इन सड़कों के बनने से राजधानी में ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार होने की उम्मीद है।
पहली स्मार्ट सड़क: विवेकानंद स्कूल से नयासराय रिंग रोड तक
पहली स्मार्ट सड़क विवेकानंद स्कूल (पुरानी विधानसभा) से शुरू होकर जगन्नाथपुर मंदिर होते हुए नयासराय रिंग रोड तक फैलेगी। यह छह लेन की एलिवेटेड स्मार्ट रोड होगी, जिसकी लंबाई लगभग 8.209 किलोमीटर होगी। इस परियोजना पर करीब 300 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके साथ ही दो लेन का अलग सर्विस रोड भी बनाया जाएगा, जिससे आम लोगों को सुविधा होगी।
दूसरी स्मार्ट सड़क: कटहल मोड़ से विधानसभा पेरिफेरी लिंक तक
दूसरी स्मार्ट सड़क कटहल मोड़ चौक से जगन्नाथपुर मंदिर, आलम चौक और साईं मंदिर होते हुए विधानसभा पेरिफेरी लिंक तक बनाई जाएगी। यह चार लेन की सड़क होगी और इसकी अनुमानित लागत 338 करोड़ रुपये है। यह सड़क रांची के दक्षिणी हिस्सों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगी और ट्रैफिक दबाव कम करेगी।
परियोजनाओं को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा प्रस्ताव
दोनों सड़क परियोजनाओं को अब राज्य योजना प्राधिकृत समिति के समक्ष पेश किया जाएगा। समिति से मंजूरी मिलने के बाद कैबिनेट से अंतिम स्वीकृति ली जाएगी। इसके बाद पथ निर्माण विभाग निर्माण कार्य शुरू करेगा।
स्मार्ट सड़कों से मिलेगा जाम से निजात
पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव सुनील कुमार ने बताया कि इन स्मार्ट सड़कों के बनने के बाद रांची में ट्रैफिक जाम की समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी। खासकर वीआईपी और वीवीआईपी मार्गों पर यातायात सुगम होगा। शहर के बीच रिंग रोड के साथ बेहतर कनेक्टिविटी से ट्रैफिक का दबाव घटेगा।
हाई-स्पीड कॉरिडोर से बढ़ेगी यात्रा की सुविधा
विवेकानंद स्कूल से नयासराय रिंग रोड तक बनने वाला हाई-स्पीड एलिवेटेड कॉरिडोर शहर को सीधे रिंग रोड से जोड़ेगा। इससे न केवल वीआईपी ट्रैफिक की गति बढ़ेगी बल्कि आम नागरिकों को भी यात्रा में समय की बचत होगी। साथ ही, सर्विस रोड स्थानीय ट्रैफिक के लिए भी आरामदायक सफर सुनिश्चित करेगा।